गाजी फकीर के पिता राणा फकीर प्रथम खलीफा मुकर्रर हुए थे, अब तीसरे खलीफा साले मोहम्मद मुकर्रर!
क्या है हुर जमात...
एकल भारत में अंग्रेजों के शासन काल में सिंध क्षेत्र के पीर जो गोठ के प्रथम खलीफा शिबगतुल्लाह शाह रसीदी को अंग्रेज उठाकर ले गए थे, शाह रसीदी को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए हूर जमात का गठन हुआ था, हालांकि प्रथम पीर पागारा आज तक नहीं मिले!
हूर मुजाहिद की गाड़ी पीर की जो गोठ स्थित किंगरी हाउस है! जहां गद्दी नशीन खलीफा पीर पगारा कहलाते है, पीर पागारा जब किंदरी हाउस के बाहर लोगों को दर्शन देने आते
तो वह दृश्य देखने को बनता है, इसी फुल मुजाहिद जमात के हिंद में फकीर साले मोहम्मद कलर को नया खलीफा मुकर्रर किया है!
1फरवरी 1970 में जन्मे साले मोहम्मद गाजी फकीर के बड़े पुत्र हैं, पढ़ाई के साथ-साथ उनकी समाज सेवा और राजनीति में रुचि के कारण वह पंचायत समिति जैसलमेर के प्रधान बने!
उसके बाद जैसलमेर जिला परिषद के जिला प्रमुख बने, 2008 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर पोकरण विधानसभा क्षेत्र के विधायक बने , अगले चुनाव 2013 में विधानसभा चुनाव हार गए, मगर 2018 में उन्होंने भाजपा के स्वामी प्रतापपुरी महाराज को नजदीकी कुलबे में में हराकर दूसरी बार विधायक बने! 25 दिसंबर 2018 को राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री बने!
सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी..
साले मोहम्मद बेहद संजीदा सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी हैं, आमजन में काफी लोकप्रिय हैं, सभी धर्मों का सम्मान करना साले मोहम्मद से सीखे!
जैसलमेर में युवा साले मोहम्मद काफी लोकप्रिय हैं!!
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