Saturday, May 8, 2021

आईपीएल 2021 के रद्द हुए मैच अगर नही होते है तो कितना नुकसान होगा? क्लिक करे...


 स्थगित हुए इंडियन प्रीमियर लीग (2021) के बाकी मैचों का आयोजन नही होता है, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. इस बारे में बात करते हुए सौरव गांगुली ने बात करते हुए कहा कि अगर आईपीएल के बाकी मैचों का आयोजन नहीं होता है, तो बोर्ड को तकरीबन ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा. इसी हफ्ते कुछ खिलाड़ियों के बायो-बबल में संक्रमित पाए जाने के बाद आईपीएल को अगले आदेश तक टाल दिया गया था. 

सौरव गांगुली बोले कि अगर हम टूर्नामेंट को पूरा करने में नाकाम रहे है, तो हमें करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा और यह केवल शुरुआती आंकलन है. हालांकि, बीसीसीआई साल के आखिरी में टी20 वर्ल्ड कप के आयोजन के आस-पास विंडो तलाशने पर जोर-शोर से लगा हुआ है. और इस काम में कोरोनाकाल में प्रतिबंधों के बीच पसंदीदा आयोजन स्थल मिलने के बावजूद वहां संसाधनों का जुटाना और खिलाड़ियों की उपलब्धता भी एक अहम बात है.

गांगुली ने इशारा दिया कि बीसीसीआई इस साल शेष मैचों के लिए विंडो तलाशने के लिए जल्द ही बाकी देशों के बोर्डों से बातचीत शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि बहुत सी चीजें इधर-उधर होनी है. अभी आईपीएल को स्थगित हुए सिर्फ एक ही दिन हुआ है. हमें बाकी देशों के बोर्डों से बात करनी है कि टी20 वर्ल्ड कप से पहले हमें विंडो मिल सकती है या नहीं. मतलब साफ है कि भारत वर्ल्ड कप से पहले ही बाकी मैचों के आयोजन में ज्यादा रुचिकर है. बाद में नहीं. और कारण समझा जा सकता है कि टी20 वर्ल्ड कप से पहले न केवल सभी टीमों को आईपीएल से अच्छी तैयारी मिलेगी, बल्कि टीवी दर्शकों के पहलू से टीआरपी भी अच्छी आएगी. गांगुली बोले कि कई बातें शामिल हैं और हम धीरे-धीरे इन पर काम करना शुरू करेंगे. कुल मिलाकर वर्ल्ड कप से पहले शेष मैचों का आयोजन ही बीसीसीआई का प्लान "बी" है, लेकिन इस पर उसे बाकी देशों से मुहर लगवानी पड़ेगी और तभी बात बनेगी.

वहीं, सौरव ने आईपीएल के स्थगन को बड़ा झटका मानने से इनकार कर दिया. पूर्व कप्तान बोले कि मुझे नहीं लगता कि यह एक झटका है. आप यह न भूलें कि पिछले साल विंबलडन और ओलिंपिक खेलों का आयोजन नहीं हुआ. यह एक असाधारण समय है और हमें सोच-समझकर कदम उठाना है. हम इन हालात में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. हमें केवल हालात में सुधार होने का इंतजार करना है.   है.

Friday, May 7, 2021

बड़ी खबर..|| बचे हुए आईपीएल 2021 के मैच होंगे इस देश में ! जानने के लिए किल्क करें...


 IPL का 14वां सीजन स्थगित हो जाने के बाद से हर कोई ये जानने के लिए काफी एक्साइटेड है कि इसे अब कब आगे कराया जाएगा. ऐसे में खबर आ रही है कि इस पॉपुलर टूर्नामेंट को इंग्लैड में कराया जा सकता सकता है. आइपीएल के बचे हुए 31 मैचों को कराने के लिए इंग्लिश काउंटी की तरफ से प्रस्ताव दिए जाने की खबर है. 

‌भारत में खेले जा रहे आइपीएल के नए सीजन को 29 मुकाबलों के बाद स्थगित कर दिया गया था. 4 मई, मंगलवार को आइपीएल काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग में बीसीसीआइ ने ये फैसला लिया था. टीम बबल के अंदर खिलाड़ियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जान के बाद बोर्ड द्वारा आईपीएल के बचे हुए मुकाबलों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

‌वहीं एक रिपोर्ट की मानें तो इंग्लिश काउंटी के एक ग्रुप ने इस साल सितंबर में आईपीएल 2021 के शेष सत्र होस्ट करने में रुचि दिखाई है. ESPNcricinfo की रिपोर्ट के मुताबिक एमसीसी, सर्रे, वार्विकशायर और लंकशायर ने ईसीबी को एक लेटर भेजा है. इस लेटर में इस साल सितंबर के दूसरे सप्ताह में बचे हुए मुकाबलों को कराए जाने की योजना भेजी गई है. 


यह समझा जा रहा है कि अगर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो लंकाशायर के अमीरात ओल्ड ट्रैफर्ड (मैनचेस्टर में) के घर का उपयोग टूर्नामेंट के लिए किया जा सकता है, हालांकि लंकाशायर ने स्पष्ट किया है कि उन्हें पत्र के बारे में पता था लेकिन वे हस्ताक्षरकर्ता नहीं थे. वहीं कहा जा रहा है कि इंग्लैंड में आईपीएल का आयोजन कराए जान से टी20 वर्ल्ड कप के लिए यूएई की पिचें फ्रेश रहेंगी. अगर कोविड-19 की वजह से टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में नहीं हुआ तो फिर इसे यूएई में कराया जा सकता है और ये काफी अच्छा मूव रहेगा.


बता दें कि इंडियन टीम इस साल इंग्लैंड के दौरे पर भी जाएगी. अगस्त से सितंबर के बीच टीम इंडिया द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ उसके घर में 5 टेस्ट मैच खेले जाएंगे. ऐसे मे कयास लगाए जा रहे है कि इसके बाद आइसीसी वर्ल्ड कप से पहले इंडियन टीम के पास वक्त होगा और उस दौरान आइपीएल के बचे हुए मैच आयोजित कराए जा सकते हैं. 

भारत का ही नही बल्कि पूरी दुनियां का बेड़ा गरक करने पे तुले हुए हैं नरेंद्र मोदी और उसकी सरकार!! पढ़े रिपोर्ट....

भारत का कोरोना संकट अब भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। ऑक्सीजन और दवाओं के अभाव में और अस्पतालों में जगह न मिल पाने के कारण लोग बड़ी संख्या में दम तोड़ रहे हैं। CNN ने मेरठ के एक सरकारी अस्पताल में रोगियों की दशा पर मुख्य अंतरराष्ट्रीय संवाददाता क्लेरिसा वॉर्ड की ऐसी दर्दनाक रिपोर्ट दिखाई है जिसे देखकर किसी का भी कलेजा मुँह को आ सकता है।

भारत के अधिकतर सरकारी अस्पतालों के हालात मेरठ के सरकारी अस्पताल जैसे ही या उससे भी बदतर हैं। केंद्र और राज्य सरकारें पिछले दो सप्ताह से सारे जतन करने के बावजूद ऑक्सीजन, दवाओं और बिस्तरों की बढ़ती माँग को पूरा नहीं कर पा रही हैं। इससे साफ़ हो चुका है कि देश भर में चीनी शहर वूहान जैसे हालात हो चुके हैं। अकेले वूहान ने दुनिया को तबाह कर दिया, भारत का तो तकरीबन हर शहर वूहान बन चुका है।

संक्रमित लोगों की संख्या की दृष्टि से भारत अब भी अमेरिका से काफ़ी पीछे है। महामारी से हुई मौतों की संख्या की दृष्टि से दुनिया में तीसरे स्थान पर है। भारत की आबादी को देखते हुए यह बड़ी बात नहीं लगती। लेकिन पिछले एक पखवाड़े के भीतर महामारी जिस तेज़ी से फैली है और मरने वालों की संख्या जिस तेज़ी से बढ़ी है उससे स्वास्थ्य सेवाएँ असहाय सी हो चुकी हैं।

महामारी की मार से बेबस हुए सिस्टम या सरकारी तंत्र के कारण पहले से ही धीमी रफ़्तार से चल रहे कोविड टेस्ट और  टीकाकरण की गति और धीमी पड़ गई है। इसकी वजह से संक्रमित होने वाले और महामारी से दम तोड़ने वाले लोगों की सही संख्या का अनुमान लगा पाना मुश्किल हो रहा है। ऊपर से सरकारें लोगों की दशा और मौत के आँकड़ों को छिपाने के लिए समाचार माध्यमों पर अंकुश लगाने की कोशिशें कर रही हैं।

टीके और दवाओं के निर्माण में दुनिया में सबसे आगे होने के बावजूद भारत में अपने ही लोगों के बचाव के लिए टीकों की भारी तंगी हो गई है। दुनिया की टीका और दवा फ़ैक्टरी होने के ढोल पीटती फिर रही मोदी सरकार को टीकों और दवाओं के लिए दुनिया के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे हैं। विश्वगुरु बनाते-बनाते मोदी सरकार ने भारत को एक विश्वसंकट में बदल दिया है।


यह हाल तब है जबकि तैयारी के लिए महामारी ने भारत सरकार को दुनिया के बाक़ी बड़े देशों की तुलना में ज़्यादा समय दिया। जब अमेरिका, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के देश महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे थे उस समय भारत में महामारी का फैलाव ना के बराबर चल रहा था।

लेकिन मोदी सरकार ने इस मोहलत का प्रयोग लोगों को टीकाकरण से सुरक्षित करने और बीमारों के इलाज का प्रबंध करने के बजाय उस जीत का ढोल पीटने में किया जो हासिल ही नहीं हुई थी।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की एक बात के लिए दाद देनी पड़ेगी। वे जान गए थे कि सबको टीका लगाए बिना इस महामारी से नहीं बचा जा सकता। इसलिए भले ही उन्होंने लॉकडाउन, मास्क और सामाजिक दूरी का मज़ाक बना कर और दूसरी लहर के बीच जाकर चुनाव रैलियाँ की हों, लेकिन टीकाकरण का काम युद्ध-स्तर पर चलाने के लिए कंपनियों को अरबों डॉलर पेशगी दिए और अभियान की बागडोर सैनिक अफ़सर को सौंप दी थी जिसकी वजह से अमेरिका में आधी आबादी को टीके लग चुके हैं और महामारी काबू में है।

ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने और इस्राइली प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने भी ट्रंप की देखा-देखी अपने यहाँ वही किया। हैरत की बात यह है कि ट्रंप को अपना दोस्त बताने वाले भारत के प्रधानमंत्री मोदी इस काम में पूरी तरह चूक गए। वे चाहते तो भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को कम-से-कम सौ करोड़ टीकों का पेशगी ऑर्डर दे सकते थे और युद्ध स्तर पर टीके लगवा कर अब तक आधे से ज़्यादा देश को महामारी से सुरक्षित बना सकते थे।

इस काम के लिए उन्हें मौलिक रूप से सोचने की ज़रूरत भी नहीं थी। उनके तीनों दोस्त, ट्रंप, जॉन्सन और नेतनयाहू अपने-अपने देशों में यही कर रहे थे। लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। यह सही है कि भारत के लोगों ने सही तरह से मास्क लगाने, सामाजिक दूरी रखने और स्वच्छता रखने में कोताही बरती, क्योंकि यह सब उनकी आदतों का हिस्सा नहीं है। अमेरिका के भी आधे लोग वैसे ही हैं। 


ट्रंप इस बात को और अपने लोगों को जानते थे। लेकिन क्या मोदी को अपने लोगों की आदतों का अंदाज़ा नहीं था? नेता वही होता है जो अपनी जनता को समझे। गाँधी जी का सारा जीवन इसकी मिसाल रहा।

जिस सरकार को यह बात ही समझ में नहीं आई कि इस महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण कितना ज़रूरी है उससे दूसरी लहर के पूर्वानुमान की अपेक्षा रखना और उसकी तैयारी में ऑक्सीजन, दवाओं और बिस्तरों का प्रबंध करने की उम्मीद रखना बेमानी है। अफ़सोस की बात यह है कि चीन, अमेरिका और यूरोप में महामारी से हो रहे विनाश को साल भर देखकर भी मोदी जी उससे बचाव के प्रबंध नहीं कर पाए। 

उतने ही अफ़सोस की बात यह भी है कि किसी भी बड़े विपक्षी नेता ने मोदी सरकार को उसकी इस भूल के लिए आड़े हाथों नहीं लिया। टीकाकरण की ज़रूरत और रफ़्तार को लेकर दुनिया भर में विपक्ष अपनी-अपनी सरकारों को आड़े हाथों ले रहा था। लेकिन भारत का विपक्ष केवल धरने-प्रदर्शनों को हवा देने और टीके के ख़तरों को लेकर शोर मचा रहा था जिससे टीके को लेकर पनप रहे संदेह को हवा मिली।

कहना न होगा कि भारत की पूरी राजनीतिक बिरादरी ही इस संकट की कसौटी पर खरी नहीं उतरी है। फिर भी, सत्ता में होने के कारण पहली जवाबदेही सरकार की ही बनती है। 

 मोदी सरकार ने जो किया उसे किसी भी आधार पर क्षम्य नहीं माना जा सकता। टीकाकरण और पूर्व तैयारी से काबू में रखे जा सकने वाले इस संकट से देश ही नहीं पूरी दुनिया का अकल्पनीय नुक़सान किया है। भारत की जनता को चाहिए कि समय आने पर इसका हिसाब ले और मोदी सरकार को इसका कड़ा दंड दे। वर्ना आने वाली सरकारें इसी तरह की लापरवाहियों से देश और दुनिया का नुक़सान करती रहेंगी। 


 (शिवकांत ,लेखक बीबीसी हिंदी के पूर्व संपादक हैं)✍🏻🇮🇳

Tuesday, May 4, 2021

कंगना रनौत गिड़गिड़ाने लगी, अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों पर लगाया आरोप, ट्विटर अकाउंट हुआ सस्पेंड! ताजा खबर...


 नमस्कार/ आदाब दोस्तों ......आज हम आपको एक बेहतरीन खबर दिखाने जा रहे हैं दोस्तों आज 4 मई 2021 को ट्विटर ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का टि्वटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया....

दिवगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद काफी चर्चा में बनी हुई है ! बॉलीवुड के नामी और बड़े कलाकारों से पंगा ले रखा है, करण जौहर और खान फैमिली से तो इनका 36 का आंकड़ा है, हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया था कि बॉलीवुड में गोरी त्वचा वाली हीरोइनों को ज्यादा महत्व दिया जाता है, उनका यह बयान कहीं ना कहीं उस तरफ इशारा कर रहा है कि बॉलीवुड में यौन के बगैर काम नहीं मिलता है हीरोइन को!

ट्विटर ने आज 4 मई 2021 को उनका ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया हम आपको बताएंगे ट्विटर ने ऐसा क्यों किया!

कंगना जब से चर्चा का विषय बनी हुई है तब से वह बीजेपी की छत्रछाया में बोलती आ रही है!

सुशांत सिंह की मौत के बाद जब मामला ज्यादा गर्मा गया था तब केंद्र सरकार ने कंगना राणावत को Y कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया करवाई थी!

हाल ही में 2 मई को पांच राज्यों के चुनाव का परिणाम आया है जिसमें बंगाल का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण रहा है जिसमें बीजेपी को निराशा हाथ लगी है इसी को लेकर कंगना रानाउत बार-बार ट्वीट कर रही थी!

एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि मंगल में पहले बीजेपी 3 सीटों पर आती थी लेकिन इस बार 71 सीट लाई है जो बहुत ही काबिले तारीफ है लेकिन उसके बाद उनके ट्वीट है कि बंगाल जहां बीजेपी की सरकार नहीं आई है वहां पर केंद्र को चाहिए कि राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए

कंगना रनौत
चुनाव परिणाम परिणाम के बाद नंदीग्राम में जो हमला हुआ है उसको लेकर कंगना ने सीधे तौर पर कहा था कि नरेंद्र मोदी को चाहिए जैसे उन्होंने 2002 को  गुजरात में दंगे करवाए थे वैसा ही कुछ बंगाल में इंतजाम किया जाए! मतलब उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री को दंगा कराने की चेतावनी दे डाली ( आप अपने नजरिए से कुछ भी समझ सकते हैं !)

बस फिर क्या था ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा इनका अकाउंट सस्पेंड कर दिया जाए और ट्विटर और ट्यूटरइंडिया ने भी इसको संज्ञान में लिया और कंगना राणावत के ट्विटर की गाइडलाइंस प्राइवेसी का उल्लंघन करते हुए पाया गया और उनका अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया

टि्वटर अकाउंट सस्पेंड होने के बाद उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह रोती हुई नजर आ रही है और बीबीसी जैसी कई बड़े अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ संस्थाओं पर पर साजिश बताया!

दोस्तों आप कमेंट करके बताएं कि कंगना रानाउत टि्वटर अकाउंट सस्पेंड हुआ, इस पर आप लोगों की क्या राय है कमेंट करके बताएं!


               धन्यवाद!!🙏🙏

Monday, May 3, 2021

कांग्रेस और ममता बनर्जी की पार्टी TMC का कांग्रेस में विलय? ताजा खबर....

 नमस्कार दोस्तों.... आज हम बात करेंगे पश्चिम बंगाल के चुनाव पर जो हाल ही में 2 मई 2021 को संपूर्ण हुए हैं परिणाम भी आ चुका है जिसमें तरण मूल कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की है तो वहीं बीजेपी को निराशा हाथ लगी है!

नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी पोस्टेड हार गई है तकरीबन 2000 वोटों से लेकिन ममता ने नंदीग्राम की जनता का फैसला स्वीकार कर लिया! 

अब बात करते हैं कांग्रेस पार्टी की, एक जमाने में पूरे देश में राज करने वाले कांग्रेस पार्टी के बंगाल में सभी 92उम्मीदवार हार गए हैरानी की बात है, तो वहीं 34 साल लगातार बंगाल पर राज करने वाला  वाममोर्चा के दल का कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं सका!

एक समय था जब देश में कांग्रेस का बोलबाला था हर राज्य में कांग्रेस की अपनी सरकार थी लेकिन आज कुछ और ही है! 2014 के बाद कांग्रेस देश से सिमटना शुरू हो गई और देखते ही देखते मात्र नाम की रह गई ,बोले तो कुछ राज्यों को छोड़कर कांग्रेस का वर्चस्व खत्म हो चुका है!

वर्तमान में कांग्रेस की हालत कुछ परिंदे जैसी हो गई है जिसके पर काट दिए गए हो और वह उड़ने के लिए फड़फड़ाता हो!

कांग्रेस पार्टी में कुछ दो चार नेताओं को छोड़कर कोई दमदार नेता नहीं है!

टीएमसी या यूं कहें तरण मूल कांग्रेस इस पार्टी का निर्माण हुआ कांग्रेस पार्टी से अलग होकर..

अब बात करेंगे नरेंद्र मोदी वाली पार्टी बीजेपी की,पश्चिम बंगाल में 200 से ज्यादा सीटें लाने का दावा करने वाली इस पार्टी को  कुछ खास नहीं मिला ममता दीदी के आगे बीजेपी ने घुटने टेक दिए!

केरल में बीजेपी के सभी उम्मीदवार हार गए...

बीजेपी की हार मान इस कदर की सभी विपक्षी दलों में ऑक्सीजन की पूर्ति हो गई..

दौर चल रहा है कोरोना महामारी का, मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर भारत में आने लगी, और इस कदर यह लहर छा गई कि पूरा देश मौत के आगोश में आ गया!
इसके बावजूद चुनाव रेलिया जारी रही वह भी भारतीय जनता पार्टी की वैज्ञानिकों ने मार्च में ही नरेंद्र मोदी को चेता दिया था! कि कोरोना की दूसरी लहर भयंकर खतरनाक होने वाली है!

और यह दूसरी लहरें इतनी खतरनाक हुई है जिसका अंदाजा आप आज देश के हालातों को देखकर लगा सकते हैं! देश में अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे पड़े हैं मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल रहे हैं ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है , धड़ाधड़ लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं और इस कदर जा रहे हैं कि उनको दफनाने के लिए या उनका अंतिम संस्कार करने के लिए लाइन में लगना पड़ता है! इसके बावजूद पश्चिम बंगाल मैं भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव को जारी रखा जिसका खामियाजा आज देश भुगत रहा है!

देश के हालातों को देखकर ऐसा लग रहा है 2024 के बाद भारतीय जनता पार्टी का सत्ता में आने के लिए लाले पड़ सकते हैं बशर्त हैं कि विपक्ष मजबूत हो!

कांग्रेस पार्टी को फिर से अपने अस्तित्व में आना है तो बहुत कुछ बदलाव करना होगा, कांग्रेस से अलग होकर ममता बनर्जी ने भाजपा को बंगाल में ऐसी पठकनी दी है जिसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती अब कांग्रेस पार्टी को चाहिए कि वह नई रणनीति बनाएंं!

नहीं रणनीति में कांग्रेस पार्टी  के वर्तमान अध्यक्ष को रिजाइन करना चाहिए और तृणमूल कांग्रेस को अपने अंदर विलय करके ममता बनर्जी को तत्काल कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर देना चाहिए!
दूसरी ओर राजस्थान के गांधी कहे जाने वाले जननायक और राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत को तुरंत केंद्र में शिफ्ट कर दिया जाए!
कांग्रेस पार्टी अगर ऐसा करती हैं तो टीएमसी या यूं कहें ममता बनर्जी और अशोक गहलोत कांग्रेस के लिए वरदान साबित हो सकते हैं!

वक्त रहते कांग्रेस ने अगर यह रणनीति बना ली तो कांग्रेस का पुनर्जन्म हुआ है,कह सकते है!और ऐसे में सोशल मीडिया में खबर आ रही है कि ममता बनर्जी बंगाल की सत्ता किसी और को सौंप रही है इसकी पुष्टि हम नहीं कर रहे हैं!


                                धन्यवाद!!🙏🙏


Saturday, May 1, 2021

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी जी की बड़ी "बेइज्जती" मुंह दिखाने के लायक नही रहे पीएम ! विस्तृत जानकारी....

मोदी है तो कोरोना से मरना मुमकिन है मोदी है तो वैक्सीनेशन की किल्लत मुमकिन है, मतलब जब देश में वैक्सीनेशन की सख्त जरूरत थी तो मोदी ने दान देकर अपने आप को बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे थे, भारत को विश्व गुरु बनाने के आड़ में दुनिया का गुरु बनने में लगे थे, विश्व में अपनी वाहवाही लूटना चाहते थे, इसी लालच ने देश को मौत के आगोश में लाकर खड़ा कर दिया! भारत के इस भयावह हालातों को देखकर विश्व में मोदी की थू थू हो रही है!


भारत में हर रोज 400000 से अधिक लोग संक्रमित और रोजाना 5000 से अधिक लोगों के मरने के आंकड़े सामने आ रहे हैं, विदेशी मीडिया सीएनएन से लेकर वाशिंगटन पोस्ट ने भारत पर सवाल उठाए हैं बल्कि मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाए! इंटरनेशनल मीडिया ने भारत में कोरोना से मरने वालों के ही आंकड़े नहीं दिखाई बल्कि भारत के मेडिकल व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है! रायटर्स एंजैसी ने दावा किया है कि मोदी के 4 साइंटिसो ने मार्च में ही चेतावनी दे दी थी कि कोरोना की दूसरी लहर भयावाह होने वाली है!



अमेरिका के सबसे बड़े अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने यह लिखा है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर तब आई जब भारत सरकार ने कुंभ के मेले का आगाज कियाा!

और जाहिर सी बात है इस धार्मिक मेले से कई साधु कोरोना संक्रमित हुए हैं और कई पॉजिटिव भी आए हैं! कह सकते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर का पहला पॉइंट कुंभ धार्मिक मेले का आयोजन करना! जिस भीड़ को लेकर अंदेशा लगाया जा रहा था कि कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं और हुआ भी है कि इस भीड़ से कोरोना संक्रमण ज्यादा हुआ है!

तबलीगी जमात


जमातियो क्यों को लेकर पिछले साल जो प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा था की जमात के जो लोग हैं वह कोरोना से लाने में सबसे आगे हैं लेकिन वही लोग कुंभ को लेकर खामोश हैं



विदेशी मीडिया अखबार खामोश नहीं है वह बेबाकी से लिख रहे हैं है कि भारत में जो लोग मर रहे हैं वह कोरोनावायरस से नही मर रहे हैं बल्कि वहां की अव्यवस्थाओं से मर रहे हैं बद इंतजामों से मर रहे हैं!



वहां की मीडिया ने लिखा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह से पस्त हो चुका है, बेड और ऑक्सीजन की कमी हो रही है, भारत ने मात्र अपने 1.4 फीसद जनसंख्या को पूरी तरह से वैक्सीनेट किया है! वैक्सीनेशन को लेकर जब तमाम मुल्कों में एक डॉज दो डॉज की पर्याप्त स्टोररोज कर ली गई थी अपने नागरिकों के लिए, तब भारत विदेशों में वैक्सीन भागता फिर रहा था, विदेशी मीडिया लिख रहा है जब अपने नागरिकों को वैक्सीनेशन की जरूरत थी तब आप उनको वैक्सीनेशन नहीं कर रहे थे!
1 मई 2021 को नई प्रणाली जिसमें 18 से 45 वर्ष वालों को वैक्सीनेशन किया जाएगा और इसके लिए हम तैयार हैं दुर्भाग्य तो देखिए 11 राज्यों ने हाथ खड़े कर दिए हैं कहा कि इसके लिए हमारे पास पर्याप्त वैक्सीनेशन नहीं है!
सीएनएन ने लिखा है जब तक भारत का स्वास्थ्य मंत्रालय मजबूत नहीं होगा, कड़े कदम नहीं उठाएगा तो कोरोनावायरस भारत में बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा बल्कि भारत में ही नहीं पूर्व विश्व के लिए खतरा बढ़ जाएगा


विश्व गुरु बनने चले थे विश्व समस्या बन कर रह गए!


यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विदेशी मीडिया वह भी बड़े जोर शोर से कह रही है, सीएनएन ने लिखा है जब अमेरिका में वैक्सीनेट लोग अपने घरों में लोगों से गले मिल रहे थे तब भारत में लोगों की चिता है जल रही थी लाशें जल रही थी, बीमार लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही थी बेड नहीं मिल रहे थे ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही थी!



विश्व में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन उत्पादन करने वाले भारत के पास अपने नागरिकों के लिए वैक्सीनेशन नहीं है यह सीएनएन ने लिखा है, यह तमाशा नहीं तो और क्या है? सीएनएन की पत्रकार क्रिस्टनअमनपोर के साथ बीजेपी की प्रवक्ता की बातचीत में नरेंद्र तनेजा ने यह स्वीकार किया है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर की जिम्मेदार सरकार हैं!



बीजेपी के ही प्रवक्ता विदेशी मीडिया से मुखातिब होकर सच को स्वीकार कर रहे हैं सच उगल रहे, लेकिन भारत की मीडिया के साथ सच उगलना या सच स्वीकार करना है किसी में हिम्मत नहीं है!
बीजेपी नेता ऋतु रावत एक टीवी चैनल में अपने ही पार्टी पर भड़क उठी, आपने ही वीडियो शायद देखा होगा



बीजेपी के अपने ही लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं कोरोनावायरस उनको भी अपने चपेट में ले रहा है, इंग्लैंड की द गार्जियन एजेंसी ने लिखा है कि मिस्टर मोदी ने अपने 1 फीसद जनसंख्या को वैक्सीनेट करके देश को वर्ल्ड फार्मेसी घोषित कर दिया!
द गार्जियन ने आगे लिखा है कि मार्च में मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार ने यह दावा किया था कि हमने कोरोनावायरस पार कर लिया है! अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी रेलिया नहीं रोकी!


बंगाल चुनाव में अपने आप को व्यस्त रखा नए पार्लियामेंट जो पंद्रह सौ करोड़ की लागत से बनने वाला है उसमें अपने आप को लगाए रखा मगर देश के मेडिकल व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया देश की आवाम के बारे में नहीं सोचा, जरूरी सेवाएं मुहैया नहीं करवा पाई जिसके कारण यह हालात पैदा हुए!
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने आर्टिकल में लिखा है की भारत सरकार ने गलतियों और आत्म संतुष्टि ने इस संकट को और विकराल बना दिया है!


लंदन का फाइनेंशियल टाइम्स लिखता है ब्लैक मार्केट में ऑक्सीजन, सांस के लिए तड़पते मरीज महामारी ने भारत का स्वास्थ्य तंत्र उजागर कर दिया!
लेकिन मजा ले भारत के मीडिया ने ऐसा दिखाया हो ऐसे तंत्र को उजागर किया हो!
मगर भारत के विदेश मंत्री यह जो सच दिखाया जा रहा है विदेशी मीडिया के द्वारा वह कहते हैं कि यह एक प्रोपेगेंडा है यह बंद होना चाहिए और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी उसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं! 
अलग-अलग देशों की मीडिया ने जो दिखाया है वहां पर एंबेसी के सामने जाकर उनका विरोध करने की रणनीति बना रही है बल्कि यह नहीं कर रही है कि कि हमें क्या करना चाहिए कोई नई रणनीति बनानी चाहिए या नहीं!

आईपीएल 2021 के रद्द हुए मैच अगर नही होते है तो कितना नुकसान होगा? क्लिक करे...

 स्थगित हुए इंडियन प्रीमियर लीग (2021) के बाकी मैचों का आयोजन नही होता है, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेग...