मोदी है तो कोरोना से मरना मुमकिन है मोदी है तो वैक्सीनेशन की किल्लत मुमकिन है, मतलब जब देश में वैक्सीनेशन की सख्त जरूरत थी तो मोदी ने दान देकर अपने आप को बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे थे, भारत को विश्व गुरु बनाने के आड़ में दुनिया का गुरु बनने में लगे थे, विश्व में अपनी वाहवाही लूटना चाहते थे, इसी लालच ने देश को मौत के आगोश में लाकर खड़ा कर दिया! भारत के इस भयावह हालातों को देखकर विश्व में मोदी की थू थू हो रही है!
भारत में हर रोज 400000 से अधिक लोग संक्रमित और रोजाना 5000 से अधिक लोगों के मरने के आंकड़े सामने आ रहे हैं, विदेशी मीडिया सीएनएन से लेकर वाशिंगटन पोस्ट ने भारत पर सवाल उठाए हैं बल्कि मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाए! इंटरनेशनल मीडिया ने भारत में कोरोना से मरने वालों के ही आंकड़े नहीं दिखाई बल्कि भारत के मेडिकल व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है! रायटर्स एंजैसी ने दावा किया है कि मोदी के 4 साइंटिसो ने मार्च में ही चेतावनी दे दी थी कि कोरोना की दूसरी लहर भयावाह होने वाली है!
अमेरिका के सबसे बड़े अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने यह लिखा है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर तब आई जब भारत सरकार ने कुंभ के मेले का आगाज कियाा!
और जाहिर सी बात है इस धार्मिक मेले से कई साधु कोरोना संक्रमित हुए हैं और कई पॉजिटिव भी आए हैं! कह सकते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर का पहला पॉइंट कुंभ धार्मिक मेले का आयोजन करना! जिस भीड़ को लेकर अंदेशा लगाया जा रहा था कि कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं और हुआ भी है कि इस भीड़ से कोरोना संक्रमण ज्यादा हुआ है!
तबलीगी जमात
जमातियो क्यों को लेकर पिछले साल जो प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा था की जमात के जो लोग हैं वह कोरोना से लाने में सबसे आगे हैं लेकिन वही लोग कुंभ को लेकर खामोश हैं
विदेशी मीडिया अखबार खामोश नहीं है वह बेबाकी से लिख रहे हैं है कि भारत में जो लोग मर रहे हैं वह कोरोनावायरस से नही मर रहे हैं बल्कि वहां की अव्यवस्थाओं से मर रहे हैं बद इंतजामों से मर रहे हैं!
वहां की मीडिया ने लिखा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह से पस्त हो चुका है, बेड और ऑक्सीजन की कमी हो रही है, भारत ने मात्र अपने 1.4 फीसद जनसंख्या को पूरी तरह से वैक्सीनेट किया है! वैक्सीनेशन को लेकर जब तमाम मुल्कों में एक डॉज दो डॉज की पर्याप्त स्टोररोज कर ली गई थी अपने नागरिकों के लिए, तब भारत विदेशों में वैक्सीन भागता फिर रहा था, विदेशी मीडिया लिख रहा है जब अपने नागरिकों को वैक्सीनेशन की जरूरत थी तब आप उनको वैक्सीनेशन नहीं कर रहे थे!
1 मई 2021 को नई प्रणाली जिसमें 18 से 45 वर्ष वालों को वैक्सीनेशन किया जाएगा और इसके लिए हम तैयार हैं दुर्भाग्य तो देखिए 11 राज्यों ने हाथ खड़े कर दिए हैं कहा कि इसके लिए हमारे पास पर्याप्त वैक्सीनेशन नहीं है!
सीएनएन ने लिखा है जब तक भारत का स्वास्थ्य मंत्रालय मजबूत नहीं होगा, कड़े कदम नहीं उठाएगा तो कोरोनावायरस भारत में बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा बल्कि भारत में ही नहीं पूर्व विश्व के लिए खतरा बढ़ जाएगा
विश्व गुरु बनने चले थे विश्व समस्या बन कर रह गए!
यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विदेशी मीडिया वह भी बड़े जोर शोर से कह रही है, सीएनएन ने लिखा है जब अमेरिका में वैक्सीनेट लोग अपने घरों में लोगों से गले मिल रहे थे तब भारत में लोगों की चिता है जल रही थी लाशें जल रही थी, बीमार लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही थी बेड नहीं मिल रहे थे ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही थी!
विश्व में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन उत्पादन करने वाले भारत के पास अपने नागरिकों के लिए वैक्सीनेशन नहीं है यह सीएनएन ने लिखा है, यह तमाशा नहीं तो और क्या है? सीएनएन की पत्रकार क्रिस्टनअमनपोर के साथ बीजेपी की प्रवक्ता की बातचीत में नरेंद्र तनेजा ने यह स्वीकार किया है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर की जिम्मेदार सरकार हैं!
बीजेपी के ही प्रवक्ता विदेशी मीडिया से मुखातिब होकर सच को स्वीकार कर रहे हैं सच उगल रहे, लेकिन भारत की मीडिया के साथ सच उगलना या सच स्वीकार करना है किसी में हिम्मत नहीं है!
बीजेपी नेता ऋतु रावत एक टीवी चैनल में अपने ही पार्टी पर भड़क उठी, आपने ही वीडियो शायद देखा होगा
बीजेपी के अपने ही लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं कोरोनावायरस उनको भी अपने चपेट में ले रहा है, इंग्लैंड की द गार्जियन एजेंसी ने लिखा है कि मिस्टर मोदी ने अपने 1 फीसद जनसंख्या को वैक्सीनेट करके देश को वर्ल्ड फार्मेसी घोषित कर दिया!
द गार्जियन ने आगे लिखा है कि मार्च में मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार ने यह दावा किया था कि हमने कोरोनावायरस पार कर लिया है! अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी रेलिया नहीं रोकी!
बंगाल चुनाव में अपने आप को व्यस्त रखा नए पार्लियामेंट जो पंद्रह सौ करोड़ की लागत से बनने वाला है उसमें अपने आप को लगाए रखा मगर देश के मेडिकल व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया देश की आवाम के बारे में नहीं सोचा, जरूरी सेवाएं मुहैया नहीं करवा पाई जिसके कारण यह हालात पैदा हुए!
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने आर्टिकल में लिखा है की भारत सरकार ने गलतियों और आत्म संतुष्टि ने इस संकट को और विकराल बना दिया है!
लंदन का फाइनेंशियल टाइम्स लिखता है ब्लैक मार्केट में ऑक्सीजन, सांस के लिए तड़पते मरीज महामारी ने भारत का स्वास्थ्य तंत्र उजागर कर दिया!
लेकिन मजा ले भारत के मीडिया ने ऐसा दिखाया हो ऐसे तंत्र को उजागर किया हो!
मगर भारत के विदेश मंत्री यह जो सच दिखाया जा रहा है विदेशी मीडिया के द्वारा वह कहते हैं कि यह एक प्रोपेगेंडा है यह बंद होना चाहिए और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी उसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं!
अलग-अलग देशों की मीडिया ने जो दिखाया है वहां पर एंबेसी के सामने जाकर उनका विरोध करने की रणनीति बना रही है बल्कि यह नहीं कर रही है कि कि हमें क्या करना चाहिए कोई नई रणनीति बनानी चाहिए या नहीं!